होंटों पे खिला हुआ तबस्सुम
ज़ख़्मों की नक़ाब हो गया है
सोचा था तो इश्क़ था हक़ीक़त
देखा है तो ख़्वाब हो गया है
आँखें कहीं दिमाग़ कहीं दस्त ओ पा कहीं
रस्तों की भीड़-भाड़ में दुनिया बिखर गई
देखा उन्हें तो देखने से जी नहीं भरा
और आँख है कि कितने ही ख़्वाबों से भर गई
बिखरना टूटना भी और अना के साथ भी रहना भी
सितम ईजाद भी करना वफ़ा के साथ भी रहना भी
तेरा अंदाज़ा ऐसा है अँधेरों की कहानी में
जलाना कुछ दिए भी और हवा के साथ भी रहना भी
तेरी चाहत में रुसवा यूं
सरे बाजार हो गए,
हमने ही दिल खोया और हम ही
गुनहगार भी हो गए।
वो इस अंदाज़ में मोहब्बत चाहते हैं,
कि ख्वाब पे भी अपनी हुकूमत चाहते हैं.!!
मरते मरते जीने को नजर करते हैं
मगर बाकायदा मौत पर अपना अख्तियार चाहते हैं।
तू मेरे साथ होगा तो क्या कहेगा जमाना,
अपनी यही एक तमन्ना और तेरा यही एक बहाना !
To use all the features of this site you must be logged in. If you don't have an account you can sign up right now.